।। महाविद्यालय संस्थापक स्व. श्री प्रताप सिंह खर्रा ।।
" सफलता का मूल मंत्र है- सादगी, धैर्य व परिश्रम "
स्व. चौधरी श्री प्रतापसिंह खर्रा
युग दृष्टा एवं सादगी की प्रतिमूर्ति, इस संस्था के नींव निर्माता स्व. चौधरी श्री प्रतापसिंह खर्रा महाविद्यालय के नूतन सत्रारम्भ में आज हमारे साथ नहीं है। आपके जाने से एक शून्य उभर आया है, जिसको भरना लगभग असंभव है। आपके मृदु व्यवहार की स्मृति चिरकाल तक सबके हृदय में बसी रहेगी। आपके बिना आगे बढ़ना कठिन है। लेकिन आपके विचार हमेशा हमारे पथ-प्रदर्शन बने रहेंगे। जो शिक्षा का बीज आपने बोया था, हम अपने अथक परिश्रम से उसे आपके सपनों के वट-वृक्ष का रूप देकर रहेंगे। आपके बताए हुए मार्ग पर चलते हुए उद्देश्यों की पूर्ति के सतत् प्रयत्नशील तथा प्रतिबद्ध रहना ही आपके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आपकी जुदाई का भरेगा नहीं जख्म, आपको नमन करते हैं हम।
आपसे रोशन था हमारा जहाँ, आपको नमन करते हैं हम।।
आप थे साथ तो रूके ना हमारे कदम, आपको नमन करते हैं हम।।
आप दिखा गये मंजिल की राह, आपको नमन करते हैं हम।। ।। महाविद्यालय परिवार ।।